फर्जी व्यवस्थाओं से संचालित कई कॉलेज, अधिकारी मलाई छानने तक सीमित

रीवा। जिले में शिक्षा का स्तर कितना गिरता जा रहा है यह किसी से छुपा नहीं है। चाहे किसी भी शिक्षण संस्थानों की बात हो। यहां बांग्लादेशियों को भी फर्जी रूप से अंकसूची जारी कर दी जाती है। ऐसा ही कुछ हाल क्षेत्र के कॉलेज का भी है। जहां व्यवस्थाएं कागजों पर चल रहा है। कॉलेज परीक्षा केंद्र बनाए जाने तक सीमित है। लेकिन जिम्मेदार कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं और मलाई छानने तक ही सीमित है। 

बता दे कि क्षेत्र में संचालित कॉलेज के भवन भले ही भव्य हो लेकिन अध्यनरत छात्र-छात्राओं के लिए कक्षाएं कभी नहीं लगता है और ना ही अध्यनरत छात्र-छात्राएं कॉलेज प्रांगण में देखे जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि छात्र-छात्राओं का अटेंडेंस रजिस्टर में तो मौजूद है लेकिन छात्र किस लोकेशन में स्वयं ही मालूम नहीं, इसी प्रकार से कॉलेज में शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक प्रोफेसर भी कागजों में चल रहे हैं। परीक्षा के दौरान एवं विशेष अवसरों पर ही अध्यनरत छात्र-छात्राओं की भीड़ नजर आती है। विश्वास सूत्रों की माने तो इन कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केन्द्र में जमकर नकल करवाया जाता है और इसके लिए बाकायदा शुल्क वसूल किए जाते हैं। इसकी पुष्टी त्योंथर के अलग- अलग छोर में संचालित कॉलेजों के वायरल नकल वीडियो ने की है।


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